Today on Friendship Day Let Us Decide.....
Beautiful poem by
--हरिवंशराय बच्चन दाेस्ती...! ना कभी इम्तिहान लेती है, ना कभी इम्तिहान देती है । दाेस्ती ताे वाे है - जाे बारिश में भीगे चेहरे पर भी, आँसुओं काे पहेचान लेती है । आज रब से मुलाकात की; थोड़ी सी आपके बारे में बात की; मैंने कहा क्या दोस्त है; क्या किस्मत पाई है; रब ने कहा संभाल के रखना; मेरी पसंद है, जो तेरे हिस्से में आई है, दिन बीत जाते है सुहानी यादे बनकर , बाते रह जाती है कहानी बनकर , पर दोस्त तो हमेशा दिल के करीब रहेंगे, कभी मुस्कान तो कभी आँखों का पानी बनकर.
The Best Example of Friendship
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Depressed People Only Hurt Themselves More
~From~ gauresh
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